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भारत में सामंतवाद का उदय (750ई.-1200ई.) इन हिन्दी

भारत में सामंतवाद का उदय (750ई.- 1200ई.)  पूर्व मध्यकालीन समाज में  एक विशिष्ट वर्ग उदय हुआ ,जिसे 'सामन्त' कहा जाता है । यह का सबसे शक्तिशाली वर्ग था।यद्यपि भारत में सामंतवाद के उदय के लक्षण शक कुषाण काल में दिखाई देने लगता है ।पंरतु इसका पूरे तरीके से विकास  पूर्व मध्य काल  में हुआ ।इस काल की  राजनैतिक, आर्थिक सामाजिक परिस्थितियों ने के विकास के लिए उपयुक्त आधार प्रदान किया।     बाह्य आक्रमणों  के कारण केंद्रीय सत्ता निर्बल पङ गयीं तथा  चारों और राजनीतिक अराजकता एवं  अव्यवस्था फैल गई । केन्द्रीय शक्ति की निर्बलता ने  समाज में प्रभावशाली व्यक्तियों का एक ऐसा वर्ग तैयार  किया जिसके ऊपर स्थानीय सुरक्षा का भार आ पड़ा । अरबों एवं तुर्कों के आक्रमणों में शक्तिशाली को राजवंशों को धराशयी कर दिया। फलस्वरूप उत्तर  भारत में  कई छोटे-छोटे  राज्यों का उदय हो  गया । प्रो. यादव के शब्दों में शक कुषाण ने प्रथम बार हमें सामंतवाद के न केवल राजनीतिक अपितु  सामाजिक तथा आर्थिक कारक भी  स्पष्टतः देखने को मिलते हैं ।...