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हीनयान और महायान में अंतर इन हिन्दी

हीनयान और महायान  में अंतर   हीनयान और महायान ये दोनों बौद्ध धर्म के महान  सम्प्रदाय हैं। ये दोनों बौद्ध धर्म की चौथी बौद्ध संगीति के दौरान अस्तितत्व में आये थे।  महायान सम्प्रदाय  महायान की स्थापना नागार्जुन ने की थी महायान का आदर्श बोधिसत्व  है।  महायान सम्प्रदाय को दो भागों  में बता गया है।  1. शून्यवाद और         2. विज्ञानवाद।    महायान समप्र्दाय का उदय आंध्र प्रदेश से मन जाता है।  बौद्ध धर्म के कठोर और परम्परागत नियमों में परिवर्तन करने वाले लोग महायानी कहलाए। महायान का अर्थ होता है -उत्कृष्ट मार्ग। इसमें परसेवा और परोपकार पर विशेष बल दिया गया है।   इस सम्प्रदाय के ग्रन्थ संस्कृत भाषा के अंदर लिखे गए हैं।  महायानी लोग बौद्ध को ईश्वर मानकर उसकी पूजा करते हैं।  ये मूर्ति पूजा के समर्थक हैं।  ये आत्मा और पुनर्जन्म  में विश्वास करते हैं।  हिनयान सम्प्रदाय  जिन अनुयायियों  ने बुद्ध के मूल  उपदेशो को बिना किसी परिवर्तन  ...