मनसबदारी व्यवस्था IN HINDI

मनसबदारी व्यवस्था

मनसबदारी व्यवस्था मुगल प्रशासनिक व्यवस्था का एक ऐसा रूप है, जिसमें सैनिक एवं असैनिक दोनों रूप मिले हुए हैं। इस व्यवस्था को अकबर के शासनकाल के 19वें वर्ष में लागू किया गया था, जिसका आगे 39वें वर्ष में और अधिक विकास किया गया। दशमलव प्रणाली पर आधारित यह व्यवस्था सम्भवतः चंगेज खाँ (मंगोल) से ली गई थी। यह अपने पूर्ववर्ती इक्तादारी एवं वजहदारी व्यवस्था का स्वाभाविक विकास था। प्रशासन के लगभग सभी महत्त्वपूर्ण पद मनसबदारों को ही प्रदान किए जाते थे।

मनसब शब्द का अर्थ- स्थान या पद होता है, जो मुगल व्यवस्था में ओहदा या पद को इंगित करता है। यह मुगल-प्रशासन का इस्पाती ढाँचा माना जाता है।

दिल्ली सल्तनत के दौरान सल्तनत को विभिन्न इक्तों में बाटा  गया  और उसके प्रभारी इक्तादार कहलाते थे. इक्तादार सम्बन्धित इक्ते की कुल आय में से9 अपने खर्च को घटाकर बचे हुए (फवाजिल) को केन्द्रीय खजाने में भेज दिया जाता था। मुगल राजवंश के व्यवस्थापक बाबर ने वजहदारी व्यवस्था की शुरुआत की, जिसमें सम्बन्धित वजहदार को वजह (पुरस्कार) प्रदान किया जाता था।


• अकबर ने इसी इक्तादारी एवं वजहदारी व्यवस्था में संशोधन कर एक नई व्यवस्था की नींव डाली, जो मनसबदारी व्यवस्था के रूप में सामने आई। मनसबदारों को वेतन 'नकद या जागीर' दोनों रूप में मिलता था।

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