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भारतीय इमारतें और उनके निर्माणकर्ता in HINDI

  भारतीय इमारतें और उनके निर्माणकर्ता • इण्डिया गेट (दिल्ली)- एडवर्ड लुटियंस • वायसराय हाउस (दिल्ली)- एडवर्ड लुटियंस • कमल झरना (वायसराय हाउस, दिल्ली)- एडवर्ड लुटियंस • दिल्ली में बगीचों की योजना- जॉन मार्शल • गेटवे ऑफ इण्डिया, प्रिंस ऑफ वेल्स म्यूजियम (मुम्बई)- जॉर्ज विटेट  • विक्टोरिया मेमोरियल हॉल (कलकत्ता) - विलियम इमर्सन • सेण्ट पॉल कैथेड्रल (कलकत्ता) - बिसोप वालसन • सेण्ट स्टीफेन्स कॉलेज, कश्मीर हाउस (दिल्ली) - वॉल्टर जार्ज • बड़ौदा हाउस (दिल्ली) - एडवर्ड लुटियंस • विधायिका भवन, सचिवालय (दिल्ली)-हर्बट बेकर • दिल्ली में केन्द्रीय इमारतों के लिए उपयुक्त स्थान का चयन-ज बोर्डी एवं कैप्टन जॉर्ज स्वीनटन जैकोब • बीकानेर महल, जयपुर का अजायबघर - स्वीनटन जैकोब

साइमन कमीशन in HINDI

साइमन कमीशन (1927 ई.) 1• 1919 के भारत शासन अधिनियम में कहा गया था कि अधिनियम के पारित होने के 10 वर्ष बाद एक वैधानिक आयोग का गठन किया जाएगा, जो यह निर्धारित करेगा कि यह अधिनियम व्यवहारतः कहाँ तक 2• ब्रिटेन की सरकार ने दो वर्ष पहले ही इण्डियन स्टेट्यूटरी कमीशन या साइमन कमीशन की नियुक्ति की। साइमन कमीशन के सदस्य थे सर जॉन साइमन, बानौन हार्टसोन, स्ट्रेंथ कोना, क्लीमेण्ट एटली, कर्नल बर्नहम, जार्ज लेनफोक्स, एडवर्ड केडोगना विरोध के दो प्रमुख कारण थे। एक कारण था कमीशन की नियुक्ति का दो वर्ष पूर्व ही हो जाना दूसरा कारण था भारतीयों को शामिल नहीं करना। 3• 1927 में मद्रास में हुए कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन, जिसकी अध्यक्षता एम ए अंसारी ने की थी, में साइमन कमीशन के बहिष्कार का निर्णय किया गया। 4• हिन्दू महासभा ने भी इस बहिष्कार का समर्थन किया, परन्तु मद्रास की जस्टिस पार्टी, पंजाब की यूनियनिस्ट पार्टी, अखिल भारतीय अछूत फेडरेशन एवं मोहम्मद सफी वाले मुस्लिम लीग के एक गुट ने साइमन कमीशन का समर्थन किया।  5• आयोग जब 3 फरवरी 1928 को बम्बई पहुंचा तो इसका भयंकर विरोध हुआ एवं अखिल भारतीय हड़ताल का आय...

रैयतवाड़ी व्यवस्था की विशेषताएँ in HINDI

रैयतवाड़ी व्यवस्था की विशेषताएँ  1• इस व्यवस्था में किसानों को उपज का 1/2 भाग भू-राजस्व के रूप में देना था। 2• लगान की अदायगी न होने पर भूमि जब्त की जा सकती थी।  3• लगान अदायगी के प्रत्येक 30 वर्ष बाद पुनर्समीक्षा की जानी थी। 4• सरकार एवं किसानों के बीच कोई मध्यस्थ नहीं था। 5• भूमि का स्वामित्व किसानों को दिया गया, जिससे वे भूमि का विक्रय कर सकते थे एवं गिरवी रख सकते थे।

1857 के विद्रोह से सम्बन्धित प्रमुख पुस्तकें और उनके लेखकों के नाम इन हिन्दी

1857 के विद्रोह से सम्बन्धित प्रमुख पुस्तकें और उनके लेखकों के नाम  1• फर्स्ट बार ऑफ इण्डियन इण्डिपेण्डेन्स - वी डी सावरकर   2• द पीजेण्ट एण्ड द राज -  एरिक स्टोक्स 3• द ग्रेट रिबेलियन -    अशोक मेहता 4• सिपाय म्यूटिनी एण्ड द रिवोल्ट ऑफ 1857 -  आर सी मजूमदार 5• हिस्ट्री ऑफ इण्डियन म्यूटिनी -   टी. आर होम्स 6• सिविल रिबेलियन इन द इण्डियन म्यूटिनी  - एस बी चौधरी 7• सिपाय म्यूटिनी 1857 -  एस पी चट्टोपाध्याय 8• हिस्ट्री ऑफ इण्डियन म्यूटिनी -  मालसेन 9• द फर्स्ट वार इण्डियन इण्डिपेण्डेन्स 1857-59 - मार्क्स एवं एंजल्स 10• एन एस्से ऑन द कॉज ऑफ द इण्डियन रिवोल्ट   - सैयद अहमद खान 11• एट्टीन फिफ्टी सेवन (1857) -  एस एन सेन (सरकारी इतिहासकार)

आंग्ल-मैसूर युद्ध के समय बंगाल के गवर्नर-जनरल इन हिन्दी

आंग्ल-मैसूर युद्ध के समय बंगाल के गवर्नर-जनरल प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध (1767-69) लॉर्ड वेरेल्स्ट द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध (1780-84) वॉरेन हेस्टिंग्स तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध (1790-92) लॉर्ड कार्नवालिस चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध (1799) लॉर्ड वेलेजली  आंग्ल-मैसूर युद्ध से सम्बन्धित महत्त्वपूर्ण सन्धियाँ प्रथम युद्ध        मद्रास की सन्धि (1769) द्वितीय युद्ध मंगलौर की सन्धि (1784)  तृतीय युध्द  श्रीरंगपट्टनम की सन्धि (1792) चतुर्थ युध्द  सहायक सन्धि (1799)

बंगाल के नवाब और उनका कार्यकाल इन हिन्दी

बंगाल के नवाब और उनका कार्यकाल बंगाल के नवाब             कार्यकाल मुर्शिद कुली खाँ             1717-27 शुजाउद्दीन                    1727-39 सरफराज खाँ                 1739-40 अलीवर्दी खाँ                  1740-56 सिराजुद्दौला                   1756-57 मीर जाफर                     1757-60 मीर कासिम                    1760-63 मीर जाफर                     1763-65 निजामुद्दौला                    1765-66 सैफुद्दौला                       1766-70 मुबारकुद्दौला   ...

भारत के संविधान सभा की राज्यों की सदस्य संख्या और प्रांतों के नाम इन हिन्दी

भारत की संविधान सभा की राज्यवार सदस्य संख्या 31 दिसम्बर 1947. को यथा विद्यमान प्रान्त- 229+70 = 299 प्रान्त                          सदस्यों की संख्या 1. मद्रास                        49 2. मुंबई                          21 3. पश्चिम बंगाल               19 4. संयुक्त प्रान्त                55 5. पूर्वी पंजाब                 12 6. बिहार                       36 7. मध्य प्रान्त और बरार    17 8. असम                         8 9. उड़ीसा                        9 10. दिल्ली     ...