सूफीवाद की घाटियां और सूफीवाद के सिद्धान्त in HINDI NOTES



* सूफीवाद की  घाटियां

सूफी कवि फरीकउद्दीन अवतार ने पथ करना यात्रा के लिए सात घाटियों को पार करना आवश्यक माना है।
1.खोज घाटी                2.अनंत घाटी 
3.मारीफख  घाटी         4.अनासक्ति घाटी 
5.एकत्व  घाटी             6.कोतूहल घाटी 
7.हकीकत घाटी ।

1. पहली घाटी खोज घाटी है । यह लंबी और परिश्रम साध्य है,  जहां साधक को  समस्त सांसारिक वस्तुओं का परित्याग कर देना चाहिए। 

2. इसके बाद प्रेम की अनंत घाटी है, जिसे पार कर व्यक्ति रहस्यवाद बनता है ।

3. इसके मारीफख की घाटी है , जहां यात्री  को सत्य का रहस्य ज्ञात होता है।

4. इसके बाद अनासक्ति की घाटी है। इसमें ईश्वरीय प्रेम अभिभूत होना पड़ता है।

5. एकत्व की घाटी यहाँ सौंदर्य की अंतरदृष्टि प्राप्त होती      है ।

6. कोतूहल की घाटी यहाँ साधक स्वयं को अंधकार में फंसता प्रतीत करता है ।

7. हकीकत की घाटी जिसमें करता है । आत्मा के प्रेम 
   के  महासागर में विलय हो जाता है

* सूफीवाद के  सिद्धान्त

1.तौबा ( प्रायश्चित )        2. बरा (संयम )

3. जोहद (धर्मपरायता)    4. फगर ( निर्धनता )

5. सब्र (धैर्य )                 6. खौफ (भय)

7. शुक्र (कर्तग्यता)           8. रजा (आशा)

9. तवक्कुल (संतुष्टि)        10.रिजा (आत्मसमर्पण)




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