कामागाटामारू घटना / कांड (1914) इन हिन्दी
कामागाटामारू घटना / कांड (1914)
1. कामागाटामारू घटना कनाडा में भारतीयों के प्रवेश से सम्बन्धित विवाद था।
2. कनाडा सरकार ने ऐसे भारतीयों का अपने यहां प्रवेश वर्जित कर दिया जो सीधे भारत से नहीं आते थे, उन्हें कनाडा में प्रवेश करने से रोका जाता था ।
कनाडा सरकार का यह कानून इस लिए भी अधिक कठोर माना गया क्योंकि उन दिनों कोई ऐसा रास्ता नहीं था जिससे भारतीय सीधे कनाडा पहुँच सके।
3. नवम्बर, 1913 में कनाडा की सर्वोच्च अदालत ने ऐसे 35 भारतीयों को कनाडा में प्रवेश की अनुमति प्रदान कर दी जो सीधे भारत से कनाडा नहीं आये थे।
4. 35 भारतीयों के कनाडा में प्रवेश मिलने से सिंगापुर के एक भारतीय मूल के व्यापारी गुरदीत सिंह ने कामागाटामारू नामक एक जहाज को किराये पर लेकर दक्षिण पूर्वी एशिया के करीब 376 यात्रियों को बैठाकर बँकुअर की ओर प्रस्थान किया।
कामागाटामारू जहाज के बँकुअर पहुँचने से पूर्व ही कनाडा सरकार ने पुनः प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया, बैंकुअर तट पर पहुँचे यात्री पुलिस की घेराबंदी के कारण जहाज से नीचे नहीं उत्तर सकें।
4. यात्रियों के अधिकार की लड़ाई लड़ने हेतु हसैन रहीम, बलवंत सिंह, सोहनलाल पाठक की अगुआई में शोर कमेटी का गठन हुआ, जिन्होंने चंदा एकत्र कर
यात्रियों के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने की योजना बनाई। अमेरीका में रह रहे भारतीय भगवान सिंह, बरकतुल्ला, रायचंद और सोहनसिंह ने भी यात्रियों के समर्थन में आंदोलन चलाया।
5.कनाडा सरकार के सख्त रवैये के कारण कामागाटामारू जहाज को बँकुअर की जल सीमा को छोड़ना पड़ा, जिस समय युद्ध छिड़ गया, अंग्रेजों ने जहाज को सीधे कलकत्ता आने का आदेश दिया।
6. कामागाटामारू जहाज के बजबज (कलकत्ता) पहुँचने पर क्रुद्ध यात्रियों और पुलिस में संघर्ष हुआ जिसमें करीब 18 यात्री मारे गये तथा 202 यात्रियों को जेल में डाल दिया गया।
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