मुगलकालीन मुद्राएं /मुगलकालीन मुद्राओं के नाम इन हिन्दी
मुहर - यह एक सोने का सिक्का होता था जिसे अकबर ने अपने शासनकाल में चलाया था । इसका मूल्य 9 रुपए के बराबर होता था । मुगलकाल का सबसे प्रचलित सिक्का मुहर था ।
शंसब - अकबर द्वारा चलाया गया यह सबसे बड़ा सोने का सिक्का था जो 101तोले का था । इसका प्रयोग बड़े लेन- देन में किया जाता था
इलाही अकबर के द्वारा चलाएगा सोने का बनाकर सीखा था इसका मूल्य ₹10 के बराबर होता था
रुपया - यह चांदी का सिक्का होता था । इसका वजन 175 ग्रेन होता था।
जलाली - चांदी का वर्गाकार या चौकोर सिक्का होता है गा जिसे अकबर के द्वारा प्रचलित किया गया ह
जीतल - जीतल तांबे का छोटा सिक्का होता था ।यह दाम के 25 वें भाग के बराबर होता था । इसे फूलूस या पैसा भी कहा जाता था
निसार जहांगीर द्वारा चलाया गया तांबे का सिक्का था । जो रुपए के चौथाई मूल्य के बराबर होता है ।
आना - दाम और रुपए के बीच आना सिक्के का प्रचलन करवाया गया था ।
दाम - अकबर द्वारा चलाया गया तांबे सिक्का था । जो रूपये के 40वें भाग के बराबर होता था ।
अबुल फजल के अनुसार मुगल काल में सिक्के की बनाने की टकसालें सोने की 4 , चांदी की 14 , और तांबे की 42 टकसालें थी ।
अकबर ने असीरगढ़ की विजय की स्मृति में अपने सिक्कों पर बाज की आकृति अंकित करवाई थी।
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