भारत छोड़ो आंदोलन 1942 ईस्वी इसने ब्रिटिश शासन की नींव को हिला कर रख दिया था । इस आंदोलन को अगस्त क्रांति के नाम से भी जाना जाता है । भारत छोड़ो आंदोलन 7 अगस्त 1942 को मुंबई में ग्वालियर टैंक मैदान में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की वार्षिक बैठक हुई । इसमें इस आंदोलन को मान्यता दी गई । इस बैठक की अध्यक्षता मौलाना अबुल कलाम आजाद ने की थी । भारत छोड़ो आंदोलन राष्ट्रीय स्वतंत्रता संघर्ष का प्रथम आंदोलन था जो नेतृत्व विहीन था । भारत छोड़ो आंदोलन को अगस्त क्रांति के नाम से भी जाना जाता है । इसे भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष की अन्तिम महान लड़ाई माना जाता है । बंबई में कांग्रेस ने भारत छोड़ो प्रस्ताव को 8 अगस्त 1942 को पास किया । इस आंदोलन में गांधी जी के द्वारा करो या मरो का नारा दिया गया था . Read More- गांधी इरविन पैक्ट /समझौता इन हिन्दी
भारत का स्वतंत्रता संघर्ष mcq 1.गदर पार्टी की स्थापना कहां हुई थी ? उत्तर- संयुक्त राज्य अमेरिका 2.अध्यक्ष सुभाष चंद्र बोस के इस्तीफा देने के बाद इंडियन नेशनल कांग्रेस का कौन अध्यक्ष चुना गया था ? उत्तर-राजेंद्र प्रसाद 3.सुभाष चंद्र बोस ने इंडियन नेशनल कांग्रेस से कब इस्तीफा दिया था उत्तर-1939 4. मुस्लिम लीग का संस्थापक कौन था ? उत्तर-नवाब सलीमुल्लाह 5.भारत के स्वतंत्र होने के बाद उसका प्रथम गवर्नर जनरल बना ? उत्तर- लॉर्ड माउंटबेटन 6. जलियांवाला बाग हत्याकांड के लिए कौन उत्तरदायी था? उत्तर- जनरल डायर 7. माय एक्सपेरिमेंटस विथ ट्रुथ पुस्तक का लेखक कौन है ? उत्तर-महात्मा गांधी 8. जनवरी-फरवरी 1937 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने किस को छोड़कर सभी क्षेत्रों में बहुमत प्राप्त किया था ? उत्तर- बंगाल,असम ,पंजाब ,सिंध । 9. इस अवधि में भारतीय महाद्वीप के फ्रांसीसी क्षेत्रों के भारतीय सत्ता में स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी हुई थी ? उत्तर-1950 - 54 10. 23 अक्टूबर 1940 में चलाए गए व्यक्तिगत अवज्ञा आंदोलन में सत्याग्रह करने...
मोहनजोदड़ो सिंधी में इसका शाब्दिक अर्थ ' मर्तको का टीला' जाता है ।यह सिन्ध के लरकान जिले में सिन्धु नदी के तट पर स्थित है । इसकी खोज सर्वप्रथम रखालदास बनर्जी ने 1922 ईस्वी में की थी। यह 11.88मीटर लम्बा,7.01मीटर चौड़ा और 2.43मीटर गहरा है । मोहनजोदड़ो की सबसे बड़ी इमारत विशाल अन्नागार है । जो 45.71 मीटर लंबी और 15.23 मीटर चौड़ी है । मोहनजोदड़ो की शासन व्यवस्था राजतन्रत्मक न होकर जनतन्रतक थी। मोहनजोदड़ो से प्राप्त अवशेसौ में काँसे की नृत्यरत नारी की मूर्ति,योगी की मूर्ती, सीपी,नर कंकाल आदि मिले हैं । Read More- हड़प्पा सभ्यता इन हिंदी,
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