अग्रहार की परिभाषा 1. यह एक "संस्कृत" शब्द है। जिसका प्रयोग विशेष रूप से प्रथम सहस्त्राब्दी के मध्य से हुआ था। 2. यह एक ऐसा शब्द था जो ब्राह्मणों को दिए जाने वाले भूमि अनुदान की एक श्रेणी का पदनाम था। 3. सामान्य तौर पर यह भूमि अनुदान स्थायी होता थे। 4. दान प्राप्तकर्ता को उत्पादन संगठित करने और भूमि से राजस्व व् अन्य संसाधन एकत्र करने का अधिकार दिया जाता था।
मनसबदारी व्यवस्था मनसबदारी व्यवस्था मुगल प्रशासनिक व्यवस्था का एक ऐसा रूप है, जिसमें सैनिक एवं असैनिक दोनों रूप मिले हुए हैं। इस व्यवस्था को अकबर के शासनकाल के 19वें वर्ष में लागू किया गया था, जिसका आगे 39वें वर्ष में और अधिक विकास किया गया। दशमलव प्रणाली पर आधारित यह व्यवस्था सम्भवतः चंगेज खाँ (मंगोल) से ली गई थी। यह अपने पूर्ववर्ती इक्तादारी एवं वजहदारी व्यवस्था का स्वाभाविक विकास था। प्रशासन के लगभग सभी महत्त्वपूर्ण पद मनसबदारों को ही प्रदान किए जाते थे। • मनसब शब्द का अर्थ- स्थान या पद होता है, जो मुगल व्यवस्था में ओहदा या पद को इंगित करता है। यह मुगल-प्रशासन का इस्पाती ढाँचा माना जाता है। दिल्ली सल्तनत के दौरान सल्तनत को विभिन्न इक्तों में बाटा गया और उसके प्रभारी इक्तादार कहलाते थे. इक्तादार सम्बन्धित इक्ते की कुल आय में से9 अपने खर्च को घटाकर बचे हुए (फवाजिल) को केन्द्रीय खजाने में भेज दिया जाता था। मुगल राजवंश के व्यवस्थापक बाबर ने वजहदारी व्यवस्था की शुरुआत की, जिसमें सम्बन्धित वजहदार को वजह (पुरस्कार) प्रदान किया जाता था। • अकबर ने इसी इक्तादारी एवं वजहदारी ...
मोहनजोदड़ो सिंधी में इसका शाब्दिक अर्थ ' मर्तको का टीला' जाता है ।यह सिन्ध के लरकान जिले में सिन्धु नदी के तट पर स्थित है । इसकी खोज सर्वप्रथम रखालदास बनर्जी ने 1922 ईस्वी में की थी। यह 11.88मीटर लम्बा,7.01मीटर चौड़ा और 2.43मीटर गहरा है । मोहनजोदड़ो की सबसे बड़ी इमारत विशाल अन्नागार है । जो 45.71 मीटर लंबी और 15.23 मीटर चौड़ी है । मोहनजोदड़ो की शासन व्यवस्था राजतन्रत्मक न होकर जनतन्रतक थी। मोहनजोदड़ो से प्राप्त अवशेसौ में काँसे की नृत्यरत नारी की मूर्ति,योगी की मूर्ती, सीपी,नर कंकाल आदि मिले हैं । Read More- हड़प्पा सभ्यता इन हिंदी,
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